कौन होंगे कल्कि के माता पिता?
इस अभिव्यक्ति की सघनता और विरलता के अनुसार ही अवतारी शक्तियों के स्तर या कलाएं तय की जाती है। बुद्ध से पहले कृष्ण को सोलह कलाओं का अवतार माना गया। सभी अवतारों नें अपनी तरह से दुष्टों का और उनकी दुष्टता का दलन किया। अब जिस अवतार का इंतजार किया जा रहा है, वह निष्कलंक होगा। कला, कांति, शौर्य और दैवी गुणों में उत्कट।
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भागवत में कल्कि का संक्षिप्त विवरण ही है। उनके चरित और जीवन का विशद वर्णन 'कल्कि पुराण' में है। अध्येताओं के अनुसार भागवत और कल्किपुराण में अंतिम अवतार के बारे में जो उल्लेख किए गए हैं, वे आलंकारिक हैं। उसका रूपक समझना चाहिए। कल्कि का स्वरूप और आशय समझना चाहिए।
पुराण के अनुसार कल्कि के पिता का नाम विष्णुयश और माता का नाम सुमति होगा। पिता विष्णुयश का अर्थ हुआ, ऐसा वयक्ति जो सर्वव्यापक परमात्मा की स्तुति करता लोकहितैषी है। सुमति का अर्थ है अच्छे विचार रखने और वेद, पुराण और विद्याओं को जानने वाली महिला।
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भागवत में कल्कि का संक्षिप्त विवरण ही है। उनके चरित और जीवन का विशद वर्णन 'कल्कि पुराण' में है। अध्येताओं के अनुसार भागवत और कल्किपुराण में अंतिम अवतार के बारे में जो उल्लेख किए गए हैं, वे आलंकारिक हैं। उसका रूपक समझना चाहिए। कल्कि का स्वरूप और आशय समझना चाहिए।
पुराण के अनुसार कल्कि के पिता का नाम विष्णुयश और माता का नाम सुमति होगा। पिता विष्णुयश का अर्थ हुआ, ऐसा वयक्ति जो सर्वव्यापक परमात्मा की स्तुति करता लोकहितैषी है। सुमति का अर्थ है अच्छे विचार रखने और वेद, पुराण और विद्याओं को जानने वाली महिला।