कब कहां और कैसे अवतार लेंगे कल्कि भगवान
कल्कि को विष्णु का भावी और अंतिम अवतार माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पृथ्वी पर पाप की सीमा पार होने लगेगी तब दुष्टों के संहार के लिए विष्णु का यह अवतार प्रकट होगा। भागवत पुराण में (स्कंध 12, अध्याय 2) कल्कि अवतार की कथा विस्तार से है। कथा के अनुसार सम्भल ग्राम में कल्कि का जन्म होगा।
अपने माता पिता की पांचवीं संतान कल्कि यथासमय देवदत्त नाम के घोड़े पर आरूढ़ होकर तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे। तब सतयुग का प्रारंभ होगा। कल्कि अवतार का स्वरूप और आख्यानों पर अक्सर चर्चा हुई है। सबसे पुरानी मीमांसा साम्यवादी विचारक सत्यभक्त की है। उनके अनुसार जो भी सार्वभौम सत्य और युगीन सिद्धान्त को व्यक्त करते है वे सभी अवतार के रूप में प्रतिष्ठित होते हैं।
अपने माता पिता की पांचवीं संतान कल्कि यथासमय देवदत्त नाम के घोड़े पर आरूढ़ होकर तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे। तब सतयुग का प्रारंभ होगा। कल्कि अवतार का स्वरूप और आख्यानों पर अक्सर चर्चा हुई है। सबसे पुरानी मीमांसा साम्यवादी विचारक सत्यभक्त की है। उनके अनुसार जो भी सार्वभौम सत्य और युगीन सिद्धान्त को व्यक्त करते है वे सभी अवतार के रूप में प्रतिष्ठित होते हैं।